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Showing posts from 2016

हिमाचली धमाल

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हिमाचली धमाल    (. हिमाचली दोस्त जरुर पडनेयो यह कहानी ) # अंकुश जव वापू जी कन्फयुजीया गये कि गांव वालों को कौन सी खुशी मे शामिल होने का न्यौता दें ।। वेटे ने जो कांड ही एसा कर दिया था , संस्कृत मे काम का मतलव ढुंडने जाओगे तो कयी काम मे लग जाओगे ईहां आराम से वैठे रहो हम सव एक्सपलेन करेते रहेंगे ,ए टू जैड , वैसे काम काम होता है कांड कांड , काम करोगे तो एपरिसियेसन मिलेगी और कांड करोगे तो मांसाहारी गाली और जूतमवरै या जूतवरै ( नौन हिमाचली मित्रों को वता देना चाहता हूं यह शव्द जूतमवरै अपने आप मे अनोखा है ईसका अभिप्राय जूतों की वरसात से है फिर वो किसी के भी उपर हो , और ईस स्थिती मे मानसिक और शारीरिक गतिवीधी वहुत तेज हो जाती है रक्तचाप उच्च स्तर पर पहुंच जाता है ) तो भईया हमारे हमीरपुरी भाई ने कांड कियो था , वैसे भी हमीरपुर वाले काम और कांड दोनो मे वरावर आगे रहैं , व्रदर आस्ट्रेलिया एयरपोर्ट से अम्मा को फोन लगाये , संकुचाते हुये डरते हुये पहले तो अम्मी का हाल चाल पुछते रहे फिर वात टु दि प्वाईट पर ले आये , अडिये मम्मी मुन्जो ईक कुडी पसंद आई थी सै मै व्याह करी लेया...

हिमाचली धमाल

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              (. हिमाचली दोस्त जरुर पडनेयो यह कहानी ) # अंकुश जव वापू जी कन्फयुजीया गये कि गांव वालों को कौन सी खुशी मे शामिल होने का न्यौता दें ।। वेटे ने जो कांड ही एसा कर दिया था , संस्कृत मे काम का मतलव ढुंडने जाओगे तो कयी काम मे लग जाओगे ईहां आराम से वैठे रहो हम सव एक्सपलेन करेते रहेंगे ,ए टू जैड , वैसे काम काम होता है कांड कांड , काम करोगे तो एपरिसियेसन मिलेगी और कांड करोगे तो मांसाहारी गाली और जूतमवरै या जूतवरै ( नौन हिमाचली मित्रों को वता देना चाहता हूं यह शव्द जूतमवरै अपने आप मे अनोखा है ईसका अभिप्राय जूतों की वरसात से है फिर वो किसी के भी उपर हो , और ईस स्थिती मे मानसिक और शारीरिक गतिवीधी वहुत तेज हो जाती है रक्तचाप उच्च स्तर पर पहुंच जाता है ) तो भईया हमारे हमीरपुरी भाई ने कांड कियो था , वैसे भी हमीरपुर वाले काम और कांड दोनो मे वरावर आगे रहैं , व्रदर आस्ट्रेलिया एयरपोर्ट से अम्मा को फोन लगाये , संकुचाते हुये डरते हुये पहले तो अम्मी का हाल चाल पुछते रहे फिर वात टु दि प्वाईट पर ले आये , अडिये मम...
# ankushThakur खवर है कि सपना ने जहर खा लिया , यह खवर सुनते ही कयी छोरे सदमे मै आ गये , आते कयों नही रोज यू टयूव पर सपना खंगाल खंगाल कर कयी सपने जो देख रखे थे , हर कोई उसे अपनी नजर के अलग अलग रंगीन चश्मों से देखता है ,कोई उसकी तुलना वैश्यों से कर देता था कोई उसके झटके लटकों ठुमकों पर फिदा थे , कोई अपनी शादी मे उसे नचाना चाहता था , तो कोई उसे एक मासूक की नजर से देखता था जैसा अक्सर लोग सैलीवरीटी को देखते हैं , सपना कोई वालीवुड की अदाकारा भी नही है फिर भी किसी नामी अदाकारा से कम भी नही थी , तो फिर कौन थी सपना ?? आपमें से वहुत सोच रहे होगे कि आखिर कौन है यो सपना जिसने हरियाणे मे कति जुल्म ढा रखा है ,तो सुनिये एक मध्यम वर्गिय परिवार मे जन्मी सपना जैसा नाम वैसी ये लडकी देखने लग गयी वडे वडे सपने ॥ एक एसी लडकी जिसे है नाचने गाने का शौक और ईसी शौक के कारण वो कयी मर्दो के दिलों मे तो आ ही गयी पर साथ ही कुछ नजरों मे खटकने लग गयी , और ईसी नाचने के शौक ने आज उसे जहर खाने पर मजवुर कर दिया ॥ जहर की खवर आज दिन से खूव वायरल हो रही है , सपना हरियाणा मे रागनियों मे गाती थी , गाती वह...
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‪#‎ अंकुशठाकुर‬   कितनी देर से तुम्हे मैसेज कर रहा था ,  तुम ना " हिलोपा "की तरह वहुत नखरैल हो गयी हो , पता ही नही चलता नाराज हो या मूड मे ,  हम्म्म ... तुम भी तो वडे पालिटिकल हो गये हो ,यह ईश्क और पौलिटीक्स कवसे साथ साथ करने लग गये , तभी से .. जवसे गठवंधन किया था तुमने "मोहव्वत" के साथ ॥ हाहा अच्छा राजनीति के मुन्शी प्रेम चंद , पर यह चेतन भगत का जमाना है , ध्यान से ...कही एसा ना हो कि गोदान कर दे कोई तुम्हारी फिलींगस का , ओ हो फिर तो गोदान करने वाली भी "हाफ ग्रलफ्रैंड" ही होगी .... हा हा हा ॥। व्रोकन लव ईमोजी  💘 💏 💔  के साथ गुड नाईट #अंकुशठाकुर
#Shimla_ankush_Thakur कुछ अलग ढूंढने के लिये शिमला के माल रोड पर चल दिया ,  कयी रंग विरंगी सतरंगी अदाएं हर तरफ विखरती जा रही थी , कुछ उन्हे समेटे चल रहे थे तो  कुछ हिन्दी फिल्मों के धर्मेन्द्र वनकर अपने अलग अंदाज मे समेटने की जद्दोजहद कर रहे थे ,  सैल्फी के ईस दौर मे DSLR वालो की भीड भी कम नही थी , रही कसर दूरदर्शन वाली मौतरमा  ने लम्वा सा माईक लगा कर मिटा दी , " कैसा लगा आपको शिमला " कुछ वोलता उससे पहले  किन्नौरी टोपी पहने वो एकदम सामने आ गयी , सामने की तरफ ईशारा करते हुये वोल पडा  , देखो ठीक वैसा , खुवसुरत सा , कल्पनाओं से भरपूर , एक हसीन सपने के जैसा ,  दूसरे सवाल पर खुद को ISBT वाली भीड की तरह घिरा हुआ पाया , मेरी नजर उसे ढुंढ रही थी रिज से माल रोड तक ..और ..मै खुदको !!!!! हाय वो किन्नौरी अदायें #Shimla_ankush_Himachali #अंकुश  ©2016  ankushthakur045.blogspot.com 
अगर बिहार मे जंगलराज हो सकता है तो हिमाचल मे खनन माफिया राज कयों नही ॥ ?? कुछ दिन पहले मन मे पोलिस वालो के खिलाफ गुस्सा था ,गुस्सा जायज भी था एक आम नागरिक को विकटीम वना दिया जाता है और रसूकदार , राजनैतिक घरानो से सम्वंध रखने वालो को वख्स दिया जाता है यही देखकर सोचा कि कुछ लिखता हूं , अच्छा हुआ नही लिखा वरना आज डिलीट करना पडता , वेवजह , खामखा ,॥ खवर आयी हिमाचल के एक विधायक ने अपनी पावर से ASP गौरव शर्मा का तवादला करवा दिया ,  तवादला , तवादला और तवादला , भारतीय लोकतंत्र के कम्प्यूटर मे तवादला एक एसा शौफ्टवेयर है जिसे एक दम ईन्सटाल कर दिया जाता है 420 G की स्पीड मे , खनन माफीया के वारे मे आये दिन आप कुछ ना कुछ पढते और सुनते होंगे कभी यूपी विहार उत्तराखण्ड तो कभी हिमाचल सव जगह यह शव्द ट्रैंड करता है , और विना राजनैतिक हैल्प के यह शव्द ट्रैंड करे ईसकी ईमैजिनेशन करना भी मतलव वावर के जमाने मे ट्वीटर पर ट्रैंड हुये ट्रोल जैसी है , खैर खनन के लिये राज्य सरकार द्वारा एक खास प्रकिया होती है पर्यावरण को नुकसान ना हो नदियो को नुकसान ना हो ईस्के लिये वकायदा वन विभाग ,सरकार ,से लाईसेंस लेना ...
नमस्कार , दलित VS politics , आजकल यही शब्द ट्रैंड कर रहे हैं , जैसे ही उतर भारत मे चुनाव आने लगते है यह शव्द सुनना और पढना आम हो जाते हैं , कुछ एक तवका जो खुद को दलितो का मसिहा समझता है ईस समय एक्टिव मोड मे औन हो जाता है पर असल मे वो सिर्फ वोट राजनिति तक सीमित रहता है , हिन्दुस्तान मे वैसे तो कयी वैंक है मुझे सवका नाम याद भी नहीं पर यहां ईंसानो की भावनाओ का ,जात के नाम पर स्वार्थ साधने का एक खास वैंक है जिसे हमारे वुद्धिजीवी और नेतागण वोट वैंक कहते हैं , ईस वैंक का दुर्भाग्य कहे या ईस वैंक मे अपनी वोट नामक पूंजी को अपने उज्जवल भविष्य का सपना देखने वालो का अभाग्य ईसमे वोट द्वारा दी गयी पूंजी ईन्वैस्ट तो होती है पर वो ना तो वापिस मिलती है और ना ही ईस पर उनको कोई व्याज मिलता है , हां उन अभाग्य श्रेणी के भारतीयो को देखने के लिये मूर्त्तियां वेशक मिल जाती है , पर अगर मूर्तियां देख कर पेट भरता हो तो वेशक देखनी चाहिये और तव तक देखते रहना चाहिये जव तक पेट भरे ना , खैर ईनको दलितो की याद तभी आती जव चुनाव होते है दलित शव्द पर विहार ,उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और झारखंड मे ज्यादा राजनीति होती ह...
‪#‎ अंकुशठाकुर‬  " कयोकि जिंदगी मे क्लास (श्रेणी ) है " नमस्कार मै अंकुश ,हाजीर हूं लेकर सैटरडे नाईट , जी हां सैटरडे है तो सैटरडे नाईट ही कहूंगा ना । मुम्बई दिल्ली जैसे कयी वडे शहरो मे दो तरह की नाईट होती है एक शनिवार वाली और दूसरी सैटरडे नाईट , गांव मे एक ही थी शनिवार वाली , लेकीन शहरों मे ईसकी क्लास है , नाईट वाली क्लास , भला हो भी कयों ना जिन्दगी मे भी तो एक कलास है , अव रेलवे को ही ले लिजीये ईसमे भी कयी क्लास है वेचारा स्लीपर वाले यात्री कयी दफा सोचते रह जाते कि एक ही ट्रै क पर एक ही गाडी मे जा रहे मगर हममे भी एक क्लास है जो विल्कुल डिफरैंट हैं ,पहुंच से दूर है ,फासले से भरी ,और जिंदगी गुजर जाती है ईस स्लीपर और 3rd A.c के फासले को पूरा करने मे और जव आप 3rd Ac मे सफर करने लगते हैं तो पता चलता कि पडोसी तो तीसरी क्लास मे उड रहा ,सही पकडे हो वो प्लेन वाली क्लास । पर ईन क्लास मे जिंदगी भी थोडी अलग सी है अटपटी सी है , कुछ सुलझी तो कुछ अनसुलझी सी है ,स्लीपर मे पहुचकर थोडी ही देर मे आप सवसे एसे वाते करने लग जाते जैसे सदियो से एक दूसरे को जानते हों वहिं एसी वाली क्लास मे लोग अपने...
"सुलगता हिमाचल "  नमस्कार , विकास के नये हिमाचल मौडल मे आपका स्वागत है वडे वडे हायड्रो प्रोजैक्ट के विच , फ्लोर जैसे वने वस अड्डे , a.c volvo जैसी लैस ग्राउंड क्लीयरैंस वाली वसें ,चमचमाते उंचे होटल , वढते व्यापार, सुलगती वीडी वाली जवानी और वहुत कुछ ...सव है यहां .. भोटा के वाय पास से उतरते वस अड्डे तक पहुंचते सव है यहां , फ्रैस ,प्योर , एकदम ताजा ,मै किसी सव्जी या टमाटर की वात नही कर रहा मै वीडी मे ईस्तेमाल होने वाले ,वीडी को और पीने वाले को सुलगाने वाले प्रोडक्ट की वात कर  रहा हूं , एसा प्रोडक्ट जिसकी मार्किट सिर्फ हिमाचल मे ही नही पूरे देश और यहां तक विदेश मे भी जानी जाती है , जानता नही हिमाचल राज्य की जीडीपी कितनी है , आपको मालूम है तो वता दिजीयेगा मै भी अपना जीके वडा लूंगा ,जीडीपी के ईस खेल मे यह सुलगता प्रोडक्ट एक महत्वपूर्ण रोल अदा कर रहा है हिमाचल की जीडीपी मे खिंची रेखा को टाप प्वाइंट तक ले जाने मे, कुछ लोगो ने तो काम धंधा छोडकर ईसी प्रोडक्ट की मार्केटिंग करना शुरु कर दिया है अव भला कौन मेहनत करके पसीना वहाये जव सिर्फ ईम्पोर्ट और कस्टमर को एक्सपोर्ट करके अच्छा विजनै...
Ankush Thakur 16 hrs  ·  "कयोकि हमीरपुर का एक स्टेटस है " नमस्कार मै अंकुश , फोन मे स्टेट्स पर स्टेट्स वना रहा हू वस कुछ ही पलो मे आपकी फेसवुक फीड पर मेरा स्टेटस दस्तक दे देगा, तव तक हमीरपुर के स्टेट्स की वात करेंगे , नये वने सिनेमाघर से लेकर वडे वडे कालेज तक , राजनैतिक घरानो से लेकर सुजानपुर के चौगानों तक हमीरपुर का एक स्टेटस है , आकाशवाणी के टावर से लेकर लिटरेसी की पावर तक हमीरपुर का स्टेटस है ,पर नाजाने कयों स्टेट्स वनाने की भागदौड़ मे वेचारा गांधी चौक छुट सा गया है ,ईसका स्टेटस टैम्परेरी फेसवुक की टैमरेरी पिक्चर के जैसे दिखता है जो टिकता तो है लेकिन सिर्फ कुछ ही दिन । राजनैतिक कार्यक्रमो मे तो ईसे खूव संवारा जाता है सजाया जाता है ईसका स्टेटस वनाया जाता है ठीक देहात के उस वालक के जैसा दिसे काफी समय के वाद शादी मे जाने का अवसर मिला हो मगर शादी के वाद हाल वापिस वही हो जाता है अभाव के कारण सहुलियत के वगैर ,उपेक्षा का शिकार ,वहती नाक और लटके रुमाल जैसे दिखते पोस्टर ,पर हां ईन सवमे हमीरपुर की सव्जी मंडी ने जरुर अपना स्टेटस वना लिया है गाजर वेशक दुकान के...
" teenage"  हमीरपुर के गांधी चौक से उतरते ही ना जाने कयों मोमोज की दीवानगी उसमे उठ गयी , एक तो अंग्रेजी मिडीयम की कटरमकटर उपर से हम सरकारी प्रोडक्ट जो अक्सर साई न थीटा और कोस थीटा मे जिंदगी से ज्यादा उलझे रहते थे , मैथेमैटिक्स का हिसाव तो सर् से उपर जाता ही था लेकीन एक और हिसाव था जो मैथ्स से भी वाउंस कर रहा था , "ईश्क " का हिसाव .ये एसा हिसाव था जिसे ना वो दे पा रहे थे ना हम ले पा रहे थे , मोमोज वाली आंटी के पास प्यार भरे नग्मे लगाकर पूरा माहौल हम जैसे ही प्रेमियो के लिये सजा था , ओपन माईंडड भीड़ मे खुद को देखकर मैने उससे थोडी दूरी वना ली ,पर वो भी हिसाव मे डफर मुझ जैसे सरकारी स्कूल के लडके को ईंटैलिजैंट किस्म का हायव्रिड वनाना चाहती थी शायद तभी हाथ पकड कर वोली ,कम औन जस्ट चिल् , यह मेरा फेवरिट प्लेस है ,यह चिल मेरे लिये रैड चिली से कम नही था जो रंग विरंगे फटी जीन वाली भीड मे कोकाकोला पीकर आये डकार के जैसे था , चाउमिन वाली आंटी शायद हम जैसो कितनो के साथ फैमिलीयर थी उसे पूरा मालूम था कि चाउमिन के साथ कौन सा गीत सुनना ये लोग पसंद करते हैं , कान मे कहने लगी कैसी ...
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#गुफ्तगूं   #अंकुशठाकुर सुनो !!! हां वोलो , तुम ना शहर की भागम दौड मे कही ईतना दूर ना चले जाना कि पहाड का सफर फिर लम्वा लगने लगे ... एक वात वोलूं .........!!! जिसने पहाड से शहर का लम्वा सफर तय कर लिया हो उसे शहर से पहाड का सफर करने मे ज्यादा वक्त नहीं लगेगा , दूरियां नही किसी के साथ दिल की गहराईयो की अटैजमैंट मैटर करती है डियर् ॥ वस् वस् अपनी यह फिलौसपी ना झाडो ॥ (आजा दिखी लै दिल्ली दिये गोरिये हुस्न पहाडां दा ) #अंकुशठाकुर ankush.thakur045@gmail.com
#‎ तुम_भी_ना‬ जून का महीना आ गया वारिश का कोई निशान नहीं , और आज तो पांच जून भी हो ली , चलो अपने प्रेम का एक वूटा ही लगा देते है ईस तपती धरा पर , फिर सिंचेगे ईसे अपने प्यार से थोडा तुम पानी डाला करना थोडा हम डाला करेंगें , आने वाले वक्त मे यह एक प्रेम की मुकम्मल कहानी वयां करेगा ,ईमैजिन ईट ,हम जैसे कितनो को स्पेस देगा यह हैना ॥ हाहा तुम ना वडे ईमैजिनेटीव हो , भला यह प्रेम के विच ईनवायरमैंटल साईंस कहां से ले आते हो हम्म्म , अच्छा चलो वो फावडा तो पकडाओ !!!!!........  ‪#‎ अंकु शठाकुर‬ World environment Day 5 June .. पेड लगाये पर्यावरण वचायें ॥ ankush.thakur045@gmail.com
नमस्कार जाट आरक्षण मुद्दे पर आज आप सवका स्वागत है मै आज जाट आंदोलन या यूं कहे जाट उपद्रवीयों के वारे लिख रहा हूं जाहिर है मेरी ईस पोस्ट से जाट साथियों को थोडा गुस्सा आयेगा और वो गालियां भी देंगे , दे दिजीयेगा गुस्सा सेहत के लिये वैसे भी नुकसानदेह होता है ज्यादा गुस्सा रखोगे तो व्रेन हैमरेज हार्ट जैसी समस्याएं हो जायेगी ईसलिये आप हर तरह की गाली दे दिजीयेगा मुझे आपकी प्रशंसा और आपकी आलोचना से कोसों दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं ,ईन्फैक्ट मुझे ईससे भी कुछ नही लेना देना कि हरियाणा का कितना करोड नुकसान हुआ ,नुकसान तो नुकसान होता है फिर वो हजार रुपये का हो या हजार करोड का आप उसका तोल मोल भी कर सकते है यह आपकी कैलकुलेसन पर निर्भर करता है ,लेकिन कया आप जिंदगीयों का तोल मोल कर सकते हो ?? प्लीज यूं खामोश मत वैठियेगा आप तो जाट हो मै ठहरा एक हिमाचल के छोटे से गांव का लडका पर मुझे आपसे पूछना है वो सव जो आपने अपने पहले वाले सो काल्ड आंदोलन मे किया था , गांधी जी का आंदोलन सुना था तव मै पैदा भी नही हुआ था पर हां अन्ना आंदोलन जरुर देखा ,ईन आंदोलन के साथ और छोटे मोटे आंदोलनों से मेरा सरोकार होता रहा ज...
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#ankushThakur   #Himollywood   #Himachal   #cinema #light_camera_action  ... हिमाचली सिनेमा जिसे अभि कुछ समय पहले हिमऔलीवुड का नाम दिया गया था उसी के उपर आज थोडा विशलेषण करके लिख रहा हूं यह सारा विश्लेषण हिमाचल मे हिमऔलीवुड के लोगो की राय मेरा व्यक्तिगत अनुभव से किया है , जिसमे कुछ चिजें गर्व करने लायक है लेकिन कुछ एसी भी वाते है जिन्हे सुन कर हम शर्म जरुर महसूस कर सकते है और करनी चाहिये , हिमाचल की सिने मा ईंडस्टरी मे यूं तो फूलमू रांझू फौजी दी फैमिली धोवन ओ मेरी कंगना जैसी सौर्ट फील्मे वनायी है जो की काफी हद तक कामयाव रही , लेकिन यह सव छोटे वजट की फिल्मे थी और उस दौर मे वनी थी जव तकनीकी ईतनी विकसित भी नही थी आज फिल्म रिलीज़ होती है और अगले ही दिन लोगों के फोन स्क्रीन पर दस्तक दे चुकी होती है ,वेशक पायरसी को रोकने की तमाम कोशिशे होती हो लेकिन आज के समय मे यह सव कोशिशे उस अधूरी सक्रिप्ट के जैसी है जिसपे आज तक ना तो कोई फिल्म वनी है और ना वन सकती है मतलव ये वस अखवार मे दी गयी स्टेटमेंट के जैसे है जिसपर कोई एक्सन नाम की साउंड सुनायी नही देती , वात हिमाचल मे सिनेमा क...
‪#‎ अंकुशठाकुर‬   ‪#‎ टैटनस‬   वचपन मे मासूमों के खिलाफ ईस्तेमाल होने वाला यह एक एसा अस्त्र है जिसका सामना तकरीबन सवने किया ही होगा ,और जिसने नही किया वो किस्मत वाला है कि दर्द भरे दो आंसू आंख से वेवजह नही निकाले , खैर स्कूल के दिन थे दूसरी तीसरी मे होगे ,वचपना परवान पर था , हम मस्त मलंग टिफिन मे रखे अचार की खूबवू को महसूस कर रहे थे ,ईंतजार मे थे की कव आधी छुट्टी की घंटी वजे और हम सवसे पहले वस्ते मे रखे ईस अतिरिक्त भार को कम करें , समय एसा लग रहा था कि रुक सा गया है घड़ी की सूईया ं मानो थम सी गयी है , मुझसे और ईंतजार नही हो रहा था झट से मैने एक हाथ वस्ते मे डाल कर अचार का एक टुकडा निकाल लिया और ईसे गुपचुप खाने लगा , हमारे हिमाचल मे खट्टे और आम का अचार हर घर मे आसानी से मिल जाता है और जो भी खाता है वस वो ईसका दीवाना हो जाता है , साथ ही वैठा मेरा दोस्त उस अचार की खूसवू को समझ चुका था उसे भी अव भूख लगनी शुरु हो चुकी थी , तीसरा हमारा साथी मैडम से पीटायी खा रहा था और उसके एक्सप्रेशन देख कर हमारी हंसी अनकन्ट्रोल सी हो रही थी जितनी मार नही खा रहा था उतना एक्टींग कर रहा था ,मतलव र...
‪#‎ अंकुशठाकुर‬   ‪#‎ टैटनस‬   वचपन मे मासूमों के खिलाफ ईस्तेमाल होने वाला यह एक एसा अस्त्र है  जिसका सामना तकरीबन सवने किया ही होगा ,और जिसने नही किया  वो किस्मत वाला है कि दर्द भरे दो आंसू आंख से वेवजह नही निकाले ,  खैर स्कूल के दिन थे दूसरी तीसरी मे होगे ,वचपना परवान पर था , हम  मस्त मलंग टिफिन मे रखे अचार की खूबवू को महसूस कर रहे थे , ईंतजार मे थे की कव आधी छुट्टी की घंटी वजे और हम सवसे पहले वस्ते  मे रखे ईस अतिरिक्त भार को कम करें , समय एसा लग रहा था कि रुक  सा गया है घड़ी की सूईया ं मानो थम सी गयी है , मुझसे और ईंतजार  नही हो रहा था झट से मैने एक हाथ वस्ते मे डाल कर अचार का एक  टुकडा निकाल लिया और ईसे गुपचुप खाने लगा , हमारे हिमाचल मे खट्टे  और आम का अचार हर घर मे आसानी से मिल जाता है और जो भी  खाता  है वस वो ईसका दीवाना हो जाता है , साथ ही वैठा मेरा दोस्त उस  अचार की खूसवू को समझ चुका था उसे भी अव भूख लगनी शुरु हो चुकी  थी , तीसरा हमारा साथी मैडम से पीटायी खा रहा था और उसके...