"YAADE" A " HIMACHAL"
तो जी वात है उन दिनो की जव हम छोटे से क्युट से वच्चे हुआ करते थे, स्कुलिंग मे थे तो वरसात की दो महीने की छुट्टियां ही हमारे लिये सर्वोच्च त्योहार हुआ करती थीं 
तो वस जिस दिन छुट्टियां पडी अगले ही दिन सव होमवर्क चेप दिया शुरुआत साईंस से की और मैथ्स पर जाके स्वाहा कर दी हाहा हा वाद मे मुर्गा वना कर पिटा था मुझे मास्टर जी ने , वडा दर्द हुआ पर सारा दर्द हंसी मे तवदील हो गया जव साथ वालों की उससे भी खतरनाक अवाजें सुनी हा हा उस हंसी की चक्कर मे दो डन्डे फालतु खा लिये थे पर फिर भी वेशरम की तरह हंसी रुकी नहीं ,
खैर थोडा फार्वड मोड मे चला गया , हा तो छुट्टियां खत्म हुई और मासी के यहां हमारा कारवां वड लिया जाहु के साथ मे जगह वहां पहुंचे शुरुआत मे थोडे शांत से वैठे वाद मे ले दगडम ले वगडम हल्लम हल्ला , तो मासी हमारी सावन के भोले वाला के व्रत किया करती थी साथ मे नजदिक कुआं था तकरीपन 52 पौडी का वडा आगे से नैरो पिछे काफी चौडा था तो मासी वोली आंकु तैरना औन्दा , मै वडा गाजला कन्नै ज्यादा वोलणे आला हुन्दा था हुण भी हां पर तदी ता वडा भारी , झट वोल्या नहीं मासी जी पर सिखना है मुझे भी , कयोंकि सामने लडकियां आती थी नाक मे उन्गली रखती लै धडाम से कुन्डी (कुएं का तल ) मे जाकर पत्थर निकाल कर ले आती तो हमे वडी शर्म आती की हम थोडा भी तैर नी पाते फिर कया मासी दे दुआले होई गये तो उनके गांव का लडका था लक्की उसने थोडा हाथ पैर मारना सिखाया ,
एक वार वो आया नी मासी जी थोडी वीजी थी मुझे आग्या मिली शिवजी के विसर्जन की तो हम दवी खुशी से जय भोले करते निकल लिये और जव वहां पहुचे तो झपाक धडाम सव चिल्ला कर डुवकियां मार रहे मुझसे भी उनकी खुशी देखी नहीं गयी और लो जी कुद लिये हम भी ,
पहले नजदीक से लडकियों को दिखा दिखा कर नाक पानी मे डुवा डुवा कर, फिर ये लो और लम्वी डाईव , फिर उससे लम्वी, और फिर वडी लौन्ग डाईव मे निचे आराम से शान्तचित जा रहे एकदम शान्त एसा लगा स्वर्ग ही ये है कि झपाक से एक लडके ने पानी से उपर पटक दिया , ओ छोरु तैरणा नी आन्दा तो कजो डुवकियां मारादा डुवी गया था ईव्वे
और मै उसपर चिल्ला रहा कयों निकाला मुझे ईतना अच्छा शान्त तैर रहा था
मुझे कया पता कुन्डी नजदीक ही थी वस फिर कया फैल गयी न्युज की मुन्डु डुवी गया था और ईज्जत का फलुदा आधा वहीं हो गया था आधा जव कोई मिलता और ये वोलता एई था जेडा डुवेया था तव हो जाता
मासी को पता चला तो कुएं के निकट जाना भी वैन , मै खुद कर आउंगी विसर्जन नहीं जाणा वहां , लै भाई वैसे मुड भी नी करता था वो कया है ना कि की आई मिन लडकियां हंसने लगा जाती थी मुझ जैसे वडे तैराक को देख कर
वैसे तैरना मुझे अभी भी नी आता
आज फिर डुवने का मन किया पर कुआं नहीं मिल रहा , दे छपाक धडाम .....
मासी की याद आयी तो किस्सा याद आया
आई होप यु लाईक्ड ईट
योर
‪#‎अंकुशठाकुर‬

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