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Showing posts from December, 2014
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हर गली में शोर है सवका अपना जोर है नया साल मनाने का दिवानों में होड है.. जाम पर जाम छलक रहे हैं, मयखाने दिवानों से महक रहे हैं.. साकी ने भी जाम चढाया है... मयखानों को तभी खास सजाया है... आज तो महफिल है दिवानों की,आज ही तो कईयों ने ये मौका पाया है.... कुछ मदिरा का शरुर चढा वैठे हैं, उतार कर कुछ, फिर चढाने को वेचैन वैठे हैं.... कुछ चहकते हुये तो कुछ वहकते हुये वैठे हैं.... मदिरा से दुर रहते हैं ऐसा कहके हम वैठे हैं..... ‪#‎ अंकुशठाकुर‬ ©2015 ankushthakur
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  # अंकुशठाकुर‬ हिमाचली पहाडी वोली के लोगों के लिये जरुर पढें :- टोलदे रही जाणा.... ‪#‎Himachal‬ ‪#‎Hamirpur‬ खेतरां च हाली..खुआं रा ठण्डा पाणी.. टोलदे रही जाणा......!!!!!! सरों दा साग टवरां दा प्यार घरां च लस्सी , कपडे टंगणे दी रस्सी आग चुल्हे दी पालकी दुल्हे दी टोलदे रही जाणा...................... सै पुराणे नोट ओ वावे दे रोट कूंडा आली लाडी, गांवा च दाई दुधा उपर मलाई,ओ पुराणे हलवाई.. टोलदे रही जाणा...................................... वासी रोटीया पर अचार सै रस्तेयां घुमदे लुहार.. कांसे दी थाली, डंगरा दी पाली वजुरगां दी आन सै कठेयां करेयां दी शान खेतरां च धान , जेडे कच्चे मक्कान.. टोलदे रही जाणा..................................... वांई पर नाहणा, पतलां मे खाणा पुरानी स्याला री ठण्ड कन्नै घा रीयां पाण्ड टोलदे रही जाणा.... ओ पुराणी नाथ सै जनानां रे गीतां दी पाख... एंकलियां दिआलीयां दी वेढियां कचैलुआं री... टोलदे रही जाणा............ आगे भी जोड कर पुरा कर सकते हो.... #अंकुशठाकुर 2:34 nov 2014 ©2014-2015  ankush thakur
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dedicate to kanwar vinod sir g and all seafarer.... ©2014 anush thakur special thank to kanwar vinod guru g मैं नाविक हुं दरिया मेरी मंजिल है.. लहरों से टकराता हुं पर वार वार खुद को अजमाता हुं.. मैं नाविक हुं वुलंद हौंसलों की खान हुं... सागर के गर्भ में उगती और डुवती सुर्य की रोशनी का मेहमान हुं.... www.facebook.comshanAHimachal कभी समुद्री तुफान हुं तो कभी नीला आसमान हु...... कभी जहाज की शान हुं कभी दरिया मे वीती शाम हुं...... कभी छलके पैमाने का जाम हु  कभी वहके दिवाने सा नादान हुं मैं नाविक हुं वुलंद हौंसलों की खान हुं कभी अपने सपनों का नवाव हुं तो कभी धरा की गलियों में गुमनाम हुं.... कभी अडीग चट्टान हुं तो कभी किनारे पर गिली मिट्टी में लिखा नाम हुं कभी अपनों का प्यार हुं तो कभी उनका किया ईन्तजार हुं... मैं नाविक हुं वुलंद हौंसलों की खान हुं मैं नाविक हुं वुलंद हौंसलों की खान हुं........... .............. .. . .. ©2014DEC ANKUSH THAKUR
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हिमाचल के ईतिहास और राजाओ के किले की दुर्दशा पर कुछ पहाडी में लिखा है आशा करुंगा आपको पसंद आयेगा.एक वार जरुर पढें:- कांगडे दे राजेयां दी कहाणी,नुरपुरे सुजानपुरे दे किलेयां दी नशाणी.. ओ राजा ते ओ राणी.... ना कुनि दिखी ना कुनि जाणी..... राज छुटि गये महल टुटी गये.. खण्डहर वचि गये आदमी मुकी गये.. विच चवारे च रुख कुछ हरे हान ते कुछ सुकी गये.. ना जाणे सै आदमी कुती लुकी गये सरकारां चलदी गईंया,अनदेखा करदी गईंया... महल भतेरे पर जाणदा सिर्फ तेरे कन्नै वरगे मेरे... वावु मस्त ए,काम सुस्त ए..फाईलां च साव कुछ वडा ही जवरदस्त ए... गलां ईना दा मुन्जो दुख है ते तिजो दुख है.. पर जेडे काम करणे आले ओ ता काम ते ही विमुख है ... ए ता साडा ईतिहास है,सवदे वास्ते वडा खास है... ए कोई मजाक नी, ना छोटी वात है ए हिमाचले रा ईतिहास है...... ए हिमाचले रा ईतिहास है..... ए थी पहांडां रे राजेयां दी कहाणी, सै हाली भी काट ही जाणी....... पर हुण असां सारेयां सामणेया ए लियाणी.... ............................जय हो................................. #अंकुशठाकुर
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ईसे शेयर कहो या गजल कुछ कडिंया लिखी है ,शायद आपको पसंद आये..ईस वार पहाडी में नहीं हिन्दी में है.. वो भी जमाना था जव हम भी आशिक हुआ करते थे... हम भी किसी पर दिलों जां से मरा करते थे... वो छोड गये हमें ईतना पिछे जिनके लिये हम भी कभी जान दिया करते थे... एक वही तो थे जिन पर हम मरा करते थे.... पर वो हमेशा ना जाने हमसे कयों दुर रहा करते थे... उसकी ईसी खामोसी से तो हम डरते थे.. वो भी जमाना था जव हम आशीक हुआ करते थे..................... कर दी मैने जिदंगी उसकी याद मे कुर्वान पर मोहव्वत रास ना आयी... मैं लिखता रहा नाम तेरे की चिट्टीयां पर तुझे मेरी याद ना आयी.... तोड दिये रिस्ते वो तुमने सारे ,वस उदासी ही मेरी जिंदगी में छायी.... टुट गया हुं अंदर से ईस कदर, ईश्क मे मार है ऐसी खायी.... लिखने वैठा तो कुछ लाईनें ये जहन में आयी.. प्यार में हमने सिर्फ ठोकरें ही खायी... लिखे हुये मेरे शव्दों के दर्द की कहानी वन गयी... कुछ शायरी वनी तो कुछ गजलें वन गयी.... जो सजी थी किसी जमाने में महवुव की याद से चिट्ठियों में, अव ना जाने कयों वो रद्दी वन गयीं.... ;( वो भी जमाना था जव हम भी आशीक हुआ...
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दो शव्द मिले और जुडते गये :=>  ड्रामे च ड्रामा ना देखा ओ लोको... घरे च अपना ही ड्रामा ओ लोको... कीसी जो मंदा अप्पु ना वोलो ओ लोको.. वोलने आले जो तुहां टोको ओ लोको.. सयाणेया दा मान करा ओ लोको.... जमीनां पिछे ना लडा ओ लोको..... कह गये पुराणे सयाणे एह कहावत ओ लोको... स्याणेयां रा गलाईरा कन्नै आंवले दा खादीरा स्वाद वाद च आंदा ओ लोको...  ‪#‎ अंकुशठाकुर‬ ............ ankush thakur 
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दुनिया की वातों में ऐसा घुल गया... मैं अपनी भुख भुल गया.... ‪#‎ अंकुशठाकुर‬
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वैहणा पौणां ते सैहणां पौणां.. कुत्थी कैहणा ते कुत्थी चुप रैहणां पौणां.. मरज है तां हकीमां ने भी दसणां पौणां... दुखां च भी हल्का ता हसणां पौणां.. आएया करे कारज, रुसेयां सरीकां जो भी मनौणां पैणां.... खोल दर्दा जख्मा दा गठडु कुनाह च तां वहांणां पौणां.. गिले सिकवे मिटाई ने जफिया पाई के चलौणां पौणां.. जिंदगी दी रीत है वैहणां पौणां ते सैहणां पौणां.. कुत्थी कैहणां ता कुत्थी चुप रैहणां पौणां.. क्रमश:....... ‪#‎ अंकुशठाकुर‬
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एम्स के उपर राजनीति..... . हिमाचल प्रदेश में स्वास्थय के उपर सरकार ईतनी ढीली हो गई है की एम्स के लिये अभी तक जमीन उपलव्ध नहीं करवा पाई है.. गौरतलव है की केन्द्र सरकार की तरफ से हिमाचल को एम्स दिया गया था पर राज्य सरकार वाकि कामों में वयस्त हो के हिमाचल के लोगों के स्वास्थय को अनदेखा कर रही है.. जिस कारण लोगों को चण्डीगढ पीजीआई या आईजीएमसी में ही ईलाज करवाने को मजवुर होना पढ रहा है तो कुछ टाण्डा में स्वास्थय सुविधा के लिये मजवुर हैं.. स्वास्थय के मद्देनजर हिमाचलीयों को वहुत परे शानियां उठानी पढती है..और मैं हमीरपुर जिले से हुं जहां के जिला अस्पताल के वारे में पोल खोलुं तो दुख भी होता और गुस्सा भी आता... आज से 10 साल पहले 15 लोग के आंख के आपरेशन किये जिसमें 12 लोग की जिस आंख का आपरेशन किया वो सभी उस आंख से अन्धे हो गये वाद में जव राधा स्वामी भोटा में आये तो उन्हे मायुस ही लौटना पडा कयोंकी आंख का गलत आपरेशन किया गया था ईन्ही में कई मरीन्डा तो कईयों को दिल्ली में जाना पडा पर अफसोस नजर वापिस नहीं आयी.. उसी हास्पीटल में दो जुडवा नवजात वच्चों की मौत हो गयी कारण था की लाईट चली गई जरनेटर कई मह...
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‪#‎ हिमाचली‬   ‪#‎ पहाडी‬ ankushshanahimachal blog कालि सुखी ता कालि दु:खी हुंदा.......... सिलसीला ये चहुंमुखी हुंदा...................... कालि जी ने मरदा ता कालि मरी ने जियुंदा..................................... गमा दे घुंट मैं हासी ने पिंदा................... टुटे जे हौंसले सुपणेयां दा ,तां मैं दलासेयां ने सिंदा......................... कालि सुखी ता कालि दु:खी हुंदा.......... सिलसीला ये चहुंमुखी हुंदा............... उडी ने उडानां ते कदी आसमानां च ता कदी थल्ले जमीना पर हुंदा............ कदी मंडलियां डेरेयां च तां कदी फिर कला हुंदा.................... सिलसीला ए चहुंमुखी हुंदा.. दिखी ने ए जमाणे रे रांग.. भुली गयां ईंसान च भी ईक चिज दिल हुंदा..................... कालि सुखी तां कालि दुंकी हुंदा सिलसीला ए चहुंमुखी हुंदा..... ........ सिलसीला ए चहुंमुखी हुंदा .......... क्रमश:..... ‪#‎ अंकुशठाकुर‬   अच्छी लगे तो जरुर प्रतिक्रीया दें.. .
हमीरपुर हिमाचल प्रदेश.... #अंकुशठाकुर #Hamirpur हमीरपुर के उपर थोडा वहुत सोचा ढुंढा..कुछ वजुर्गों से जानकारी ली..अक्सर वचपन में जव लोगों से सुनता था तो अलग अलग सुनने को मिलता.. हर वात पर भिन्नता होने पर मैं थोडा कन्फयुज हो जाता था..लेकिन हमीरपुर को ईतना समझ नहीं पाता.. आज हमीरपुर पर कुछ लिख रहा हुं.. अगर कहीं गलती हो तो आप सुधार सकते हो .. हमीरपुर ए ता सारेयां जो पता की पहले कांगडे च हुन्दा था कन्नै राजा हमीर दे नाम कनै एत्थु दा नाम हमीरपुर पेया...हमीरपुर आज तां राजनीती वासते सत्ता वास्ते वडा प्रसिद्ध है पर एत्थु दा ईतिहास कया है ?.. आऔ पहले एत्थी दे कुछ खास शाहरां दी गाल करदे कन्नै कन्नै कया चिजां एत्थी खास हान ए भी दसदे.. सुजानपुर:- ता हमीरपुरा दे हर वयक्ति ने परिचीत है पर एत्थु दा ईतीहास भी खास है राजे महाराजेयां दे किले चौगान ए साव एत्थु देखणे जो मिलदे..कन्नै सुजानपुर दा होली रा मेला तां पुरे हिमाचले च प्रसिद्ध है.. हुण सैनिक स्कुल करी ने भी सुजानपुर दा लाग नां है..कन्नै सकुले दे वन्नै चउं पासे फैलेया वडा राजेयां दे टैमा दा चौगान दी भी अपणी लाग पहचान है... नादौण:- पहाडी गितां च नद...