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हर गली में शोर है सवका अपना जोर है नया साल मनाने का दिवानों में होड है.. जाम पर जाम छलक रहे हैं, मयखाने दिवानों से महक रहे हैं.. साकी ने भी जाम चढाया है... मयखानों को तभी खास सजाया है... आज तो महफिल है दिवानों की,आज ही तो कईयों ने ये मौका पाया है.... कुछ मदिरा का शरुर चढा वैठे हैं, उतार कर कुछ, फिर चढाने को वेचैन वैठे हैं.... कुछ चहकते हुये तो कुछ वहकते हुये वैठे हैं.... मदिरा से दुर रहते हैं ऐसा कहके हम वैठे हैं..... # अंकुशठाकुर ©2015 ankushthakur